✦ All Treasure Chest Poems & Treasure Chest Short Stories Workbook Answers of Morning Star & Evergreen Publication are now available!

Workbook Answers of Bhichhuk- Sahitya Sagar

Workbook Answers of Bhichhuk - Sahitya Sagar
भिक्षुक - साहित्य सागर

अवतरणों पर आधारित प्रश्न

वह आता दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। 
पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक, 
चल रहा लकुटिया टेक, 
मुट्ठी भर दाने को-भूख मिटाने को 
मुँह फटी-पुरानी झोली को फैलाता
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।


(क) 'दो टूक कलेजे के करता'-से कवि का क्या आशय है ?

उत्तर : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने उपर्युक्त पंक्तियों में एक भिक्षुक की दयनीय दशा का चित्रण किया है। निराला जी कहते हैं कि एक भिक्षुक हृदय में दुखी होता हुआ, पश्चाताप करता हुआ सड़क पर आ रहा है। 


(ख) 'पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक'-पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : भिक्षुक कितना दुर्बल है, इसका सहज ही अनुमान उसके पेट और पीठ को देखकर लगाया जा सकता है। लगता है उसे कई दिनों से कुछ खाने को नहीं मिला है। भूख और दुर्बलता के कारण उसका पेट और पीठ एक हो गए हैं, साथ ही वह दुर्बलता के कारण लाठी के सहारे भी चल रहा है।


(ग) उपर्युक्त पंक्तियों के आधार पर भिक्षुक की दयनीय दशा का वर्णन कीजिए।

उत्तर : भिक्षुक की दशा अत्यंत दयनीय है। भूख, चिंता एवं दुख के कारण वह इतना कमज़ोर हो गया है कि लाठी के सहारे के बिना चलने में भी असमर्थ है, इसलिए वह लाठी के सहारे चल रहा है। वह अपनी फटी-पुरानी झोली को फैलाकर लोगों से मुट्ठीभर दाने देने की गुहार लगा रहा है। 


(घ) उपर्युक्त पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित 'भिक्षुक' शीर्षक कविता में कवि एक भिक्षुक की दयनीय दशा का चित्रण कर रहा है। भूख, चिंता व दुख के कारण वह लाठी के सहारे चल रहा है और अपनी फटीपुरानी झोली को फैलाकर खाने के लिए कुछ दाने माँग रहा है। इस भावुक दृश्य से हृदय में करुणा व संवेदना के भाव पैदा होते हैं।


साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए, बाएँ से वे मलते हुए पेट को चलते, और दाहिना दया-दृष्टि पाने की ओर बढ़ाए। भूख से सूख ओंठ जब जाते, दाता-भाग्य विधाता से क्या पाते ? घूट आँसुओं के पीकर रह जाते।


(क) भिक्षुक के साथ कौन हैं ? वे क्या कर रहे हैं तथा क्यों ? स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : भिक्षुक के साथ उसके दो बच्चे भी हैं। वे भी हाथ फैला-फैला कर भीख माँग रहे हैं। वे अपने बाएँ हाथ से अपने पेट को मल रहे हैं और दाहिना हाथ लोगों के सामने भिक्षा के लिए पसार रहे हैं। 


(ख) 'दाता-भाग्य-विधाता' से कवि का संकेत किन की ओर है ? कौन किन से क्या प्राप्त नहीं कर पाते?

उत्तर : ‘दाता-भाग्य-विधाता' से कवि का अभिप्राय उन लोगों की ओर है, जो भिक्षुक और उसके बच्चों के प्रति भीख के स्थान पर अपमान और उपेक्षा दिखाते हैं। भिक्षुक और उसके बच्चे लोगों से भीख के रूप में खाने को कुछ भी प्राप्त नहीं पाते। 


(ग) 'चूंट आसुओं के पीकर रह जाते'– मुहावरे का प्रयोग कवि ने किस संदर्भ में किया है ? 

उत्तर : जब भिक्षुक और उसके बच्चे अपने भाग्य-विधाता से भूख, अपमान और उपेक्षा आदि के अलावा और कुछ नहीं पाते, तो वे अपमान और दुख का कारण अपना मन मसोसकर रह जाते हैं।


(घ) भिक्षुक के बच्चों की दयनीय दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर : भिक्षुक के बच्चे अपना हाथ फैलाकर लोगों से भिक्षा माँग रहे हैं। बच्चे अपने बाएँ हाथ से अपने पेट मल रहे हैं और दाहिने हाथ से लोगों से कुछ सहायता करने की प्रार्थना कर रहे हैं। भूखे रहने के कारण उनके होंठ सूख जाते हैं, और फिर वे अपने भाग्य-विधाता से अपमान, दुख और उपेक्षा पाकर अपना मन मसोसकर रह जाते हैं। 


चाट रहे जूठी पत्तल वे कभी सड़क पर खड़े हुए, और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए। ठहरो, अहो मेरे हृदय में है अमृत, मैं सींच दूंगा। अभिमन्यु-जैसे हो सकोगे तुम, तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूँगा।


(क) भिक्षुक तथा उसके बच्चे क्या करने के लिए विवश हैं और क्यों ?

उत्तर : अपनी भूख को सहन न कर पाने की स्थिति में भिक्षुक और उसके दोनों बच्चे जब किसी अन्य से कुछ भी प्राप्त नहीं कर पाते, तो वे सड़क पर पड़ी जूठी पत्तलें ही चाटने को विवश हो जाते हैं, ताकि सड़क पर पड़ी जूठी पत्तलों पर बचा-खुचा थोड़ा-सा भोजन चाटकर वे अपनी भूख मिटा सकें।


(ख) 'और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए'-पंक्ति द्वारा कवि क्या स्पष्ट करना चाहता है? 

उत्तर : कवि कहते हैं कि उस भिक्षुक का दुर्भाग्य है कि जब वे जूठी पत्तलों को चाटने का यत्न करते हैं, तो कुत्ते भी उनसे उन पत्तलों को छीनने का प्रयास करते हैं और उन पर झपट पड़ते हैं। कवि स्पष्ट करना चाहता है कि भिक्षुक की दशा पशुओं से भी हीन है।


(ग) भिक्षुक कविता में कवि ने समाज को किस बात के लिए फटकारा है?

उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि ने भिक्षुक की दयनीय दशा का वर्णन करते हुए सामाजिक वर्ग-भेद की ओर संकेत किया है। कवि उस व्यवस्था को कोस रहे हैं, जिसमें किसी भी व्यक्ति को भीख माँगने जैसा घृणित और अपमानजनक कार्य करना पड़ता है।


(घ) उपर्युक्त पंक्तियों में कवि ने अभिमन्यु' शब्द का प्रयोग किस लिए किया है ?

उत्तर : उपर्युक्त पंक्तियों में कवि ने 'अभिमन्यु' शब्द का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि वह भिक्षुक को अभिमन्यु के समान संघर्ष करने को प्रेरित कर रहा है तथा अपनी कविता के माध्यम से जन-जन का ध्यान भिक्षुक की मार्मिक व्यथा, पीड़ा एवं दुख की ओर आकर्षित करने का संकल्प लेता है।

Do "Shout" among your friends, Tell them "To Learn" from ShoutToLearn.COM

Post a Comment